अजब है यह दुनिया
सितम से भरी
न जाने कितनी
राहों पर मौत है बिछी
फिर भी मुस्कुराते
हमें चलना हैं
इनी राहों पे जीना है।
प्रिया सातपुते
सितम से भरी
न जाने कितनी
राहों पर मौत है बिछी
फिर भी मुस्कुराते
हमें चलना हैं
इनी राहों पे जीना है।
प्रिया सातपुते
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